पौड़ी जिले के गिंवाली में पैदा हुए प्रसिद्ध गायक चन्द्र सिंह राही आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके गीतों ने आज के समय में जो धमाल मचा रखा है उसे देखते हुए उनकी बार बार स्मृति आना लाजमी है करीब 2 साल पहले 2016 में लम्बी बिमारी के बाद उनका निधन हो गया था।
आजकल उनके गीत ‘चैत की चैत्वाली’ जागर के कई तरह के रिमिक्स बनाए जा रहे हैं जो कि युवा पीड़ी द्वारा बेहद पसंद किये जा रहे हैं, आपको बता दें ‘फ्यूंलाडी त्वे देखि कि औंद ये मन मां, गीत भी उन्ही की एक रचना है और आज वो भी किशन महिपाल द्वारा नए रूप में गाने के बाद और भी विख्यात हो गया है।
सौली घुरा घुर दगड़या, जरा मठू चला दे, जैसे कालजयी गीतों के रचनाकार एवं गायक चंद्र सिंह राही को आज हर कोई याद कर रहा है, खैर हम बात कर रहे थे उनके द्वारा रचित जागर ‘चैत की चैत्वाल’ की। क्या अपने डोंरी थकुली के साथ गाया उनका ओरिजनल जागर सुना है? अगर नहीं सुना है तो विडियो जरूर देखें, उम्मीद है आपको आजकल चल रहा चैत की चैत्वाल गीत से जादा मजा आएगा।
आपको बता दें कि चन्द्र सिंह राही ने आकाशवाणी से शुरुआत कर गढ़वाली व कुमाऊंनी में सैकडों कालजयी गीतों की रचना की और उन्हें आवाज दी है, भाना रे रंगीली भाना, सतपुली का सैणा, हिलमा चांदी कु बटना समेत उनके तमाम गीत आज भी गुनगुनाए जाते हैं। फिलहाल तो आप उनके इस जागर का जरूर आनंद लें-
देखें वीडियो
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