करीब 68 साल की उम्र ओर आवाज मे आज भी उतना ही दम है जितना कि उस वक्त था। हाल ही मैं श्री नरेन्द्र सिंह नेगी को हार्ट अटैक पड़ गया था लाखों करोड़ों दुवाओं ने उन्हें सकुशल फिर से हमारे बीच खड़ा किया। आज हम आपको उस गीत को सुना रहे हैं जो कि कहा जाता है कि नेगी जी का पहला गीत है नरेंद्र सिंह नेगी जी जिस दिन ये गीत लिख रहे थे सायद उन्हें भी ये पता नहीं था कि एक दिन वो उत्तराखंड की सबसे बड़ी आवाज, सबसे सुरीली आवाज और सबसे पसंदीदा गायक, गीतकार, संगीतकार बन जायेंगे।
45 साल पहले नेगी जी अपने पिता जी की आँख का ऑपरेशन कराने पौड़ी से देहरादून आये और अस्पताल के बहार एक पेड़ के नीचे बैठ कर उन्होंने ये पंक्तियां लिखी। जब वापस पौड़ी गए और अपने दोस्तों को सुनाई तो उनके दोस्तों को पसंद आई और कहा बहुत अच्छा लिखा है। रोकना मत लिखते रहो और उस दिन से आज तक श्री नरेंद्र सिंह नेगी ने उत्तराखंड को जो दिया है वो किसी से छुपा नहीं है।
नेगी जी ने बाद मैं आकाशवाणी के लिए गीत गाना शुरू किया और फिर एल्बम भी बनानी शुरू कर दी। एक लम्बे दशक तक उत्तराखंड के हर पहलु का उन्होंने अपने गीत में जिक्र किया है। वाकई लाजवाब है। इस सुरमई संगीत सफ़र में नेगी जी ने हमेशा ही उत्तराखंड की संस्कृति का सरक्षण और प्रचार प्रासार किया है जय हो नेगी जी जुगराज रया।
आइऐ नरेन्द्र सिहं नेगी जी का ये गीत जरूर देखिऐ-
https://youtu.be/6nEGSIF8FPA ')}