दोस्तों हमारे उत्तराखंड के लिए पलायन एक समस्या बन चुकी है। पलायन इतना हो गया कि गांव-गांव वीरान हो गया। शहर की हवा में दम घूंट रहा है लेकिन यहां भी पहाड़ी ने हार नहीं मानी है वो रोज की तरह चल रहा है। सब कुछ तो है शहर में, चमक-धमक, खान-पान, रहन-शहन और रफ़्तार भी? शायद अपनापन नहीं है। क्योंकि वो अपनापन तो हम पहाड़ में ही कहीं छोड़ आए हैं। दरअसल हम आपको एक गीत या यूं कहें एक छोटी सी वीडियो जो पहाड़ की यादों से जुडी है। आपको दिखने जा रहे हैं।
जो वीडियो हम आपको दिखाने जा रहे हैं उसमे दिखाया गया है कि पहाड़ की याद हर किसी के जहन में हर वक्त साये की तरह रहती है। हम कितनी भी कामयाबी क्यों ना हासिल कर लें, हमारे लिए यहां की मिटटी की खुशबू और ठंडी हवा को भूल पाना नामुमकिन है। पहाड़ कॉलिंग के नाम से बना ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
वीडियो का निर्देशन अल्मोड़ा के विजय आर्यन ने किया है। ये युवा निर्देशक अपने आप में पूरी टीम है वो कलाकार भी हैं, निर्देशक भी हैं, वो एडिटर भी हैं और एक सफल एडमिन भी, जी हां विजय आर्यन फेसबुक पर “देख मिस्टर जोक्स उत्तराखंड” पेज के एडमिन भी हैं, आज उनके इस पेज जरिये लाखों फेंस हैं। वो सिर्फ इनकी मेहनत की वजह से हैं।
उनके नए विडियो की बात करें तो बता दें कि फेसबुक पर उनके इस वीडियो पर लोगों ने उनकी और उनकी टीम की जमकर तारीफ़ की है। विडियो में माधव भट्ट, दीपक नेगी, शिवानी दत्त, नुपुर जोशी और शशि चोपड़ा ने उनका साथ दिया है।
इस वीडियो को स्वर्गीय गायक पप्पू कार्की को समर्पित किया गया है। पप्पू कार्की द्वारा गाये पहाड़ की याद से जुड़े एक गीत को इसमें सामिल किया गया है। वीडियो में बताया गया है कि कैसे उत्तराखंडी हमेशा अपने उत्तराखंड को अपनी यादों में रखता है। ये कहानी उस पहाड़ी की हो सकती है जो अपने उत्तराखंड से बेहद जादा प्यार करते हैं।
ये कहानी एक युवा की है जो परदेश में हर समय पहाड़ की यादों मैं खोया रहता है। दरअसल उसे उत्तरखंड में अपना घर, गांव खुबसूरत वादियां, वो गीत संगीत से भरे त्यौहार, शादी बरात में भोज का स्वाद याद आता है। वो कहते हैं ओ दूर गए मुसाफिर, लौट के आ तुझे तेरा घर बुलाता है, तेरी ये ज़मीन बुलाती है, ये आँसमा बुलाता है। वो इन यादों से हर समय खुद को असहज पाता है। सफलता भी है रफ़्तार भी है फिर क्या नहीं है?
जैसे कि पप्पू कार्की के गीत में भी एक सवाल था कि अपने पहाड़ को अपने घर को छोड़ कर आखिर तू किसलिए परदेश गया है? युवा को जवाब मिल जाता है। आखिर युवा गांव जाने का फैसला करता है, पहाड़ पहुँचते ही उसकी खुशी उसे वापिस मिल जाती है। पहाड़ बुलाते हैं तो हमें जाना चाहिए, खैर दोस्तों पलायन करना एक मजबूरी हो सकती है, लेकिन पहाड़ को याद करना तो हमारी एक आदत है। इसे हमें हमेशा जिन्दा रखना होगा।
https://youtu.be/xYMMeMhp8fo ')}