देवो की भूमि उत्तराखंड आज ऐसा ऐसा नाम है जो आज विकास और रोजगार के मामले जरूर पीछे है लेकिन गर्व और सम्मान के मामले में वो सबसे आगे हैं, पलायन जरूर यहां का दर्द बन चूका है, लेकिन जिस दिन उत्तराखंड को उसकी असली पहचान मिल जायेगी सायद पलायन का दर्द भी ख़त्म हो जाएगा।
लोग इस धरती का मोल सामझने लगेंगे और कुछ तो इस धरती का एक एक टुकड़ा पाने को तरसेंगे! पता है क्यों? क्योंकि शहर का जीवन पहाड़ के जीवन से काफी सुरक्षित है और यहां रहने वाले देवी देवता इस धरती की रक्षा करने में सक्षम हैं।
आज हम आपको ऐसी रिपोर्ट दिखा रहे हैं जिसे पढ़ कर आप हैरान हो जाओगे, उत्तराखंड के हर एक कोने में देवी देवता बसते हैं, श्रीकृष्ण से लेकर भगवान राम तक, शिव से लेकर ब्रह्मा और विष्णु तक, गंगा से लेकर यमुना और सरस्वती तक, पांडवों से लेकर ऋषि और मुनियों तक इस धरती को अपना निवास स्थान चुना। एक खास बात यह है कि पांच प्रयाग और पांच बद्री और इसी तरह पांच अंक का वेदों और पुराणों से गहरा सम्बन्ध-
उत्तराखंड में चार चाम हैं- केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री।
उत्तराखंड में पांच प्रयाग हैं – देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, सोनप्रयाग, विष्णुप्रयाग।
उत्तराखंड में पांच केदार हैं – केदारनाथ, तुंगनाथ, मदमहेश्वर नाथ, रुद्रनाथ, कल्पेश्वरनाथ।
उत्तराखंड में पांच बद्री हैं- बद्रीनाथ, आदिबद्री, भविष्यबद्री, वृद्धबद्री, योगध्यानबद्री।
उत्तराखंड में पांच धारा हैं- प्रहलाद धार, कूर्मुधारा, उर्वशीधारा, वसुधारा, भृगुधारा।
उत्तराखंड में पांच कुण्ड हैं- तप्तकुण्ड, नारथकुण्ड, सत्यपथकुण्ड, मानुसीकुण्ड, त्रिकोणकुण्ड।
उत्तराखंड में पांच मठ भी हैं लेकिन ये सिर्फ स्थान सूचक हैं इसलिए इनको विशेष का दर्जा नहीं मिलता है।
अब देखिये ये हैं उत्तराखंड के 100 अद्भुत मंदिर- हेमकुण्ड साहिब, जागेश्वर मंदिर धाम, गोलु देवता (न्याय का देवता), कार्तिकनाथ, अनुसूया देवी, पूर्णागिरी मंदिर, तारकेश्वर मंदिर, बेजनाथ मंदिर, धारीदेवी, मंसादेवी, नीलकण्ट महादेव, सुरकण्डा देवी, विश्वनाथ मंदिर, पूर्णागिरी मंदिर, कण्डार देवी, अन्नपूर्णा शक्तिपीठ, परशुराम मंदिर, कालिंगानाथ मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, सतला देवी, टपकेश्वर, माल देवता, लाखा मण्डल, नागटिब्बा मंदिर, चन्द्रबदनी, कुजांपुरी देवी, सेम नागराजा, रथी देवता, रघुनाथ मंदिर, बिष्णु मंदिर, चण्डीदेवी, भारतमाता मंदिर, पिरान कलियार, दक्ष मंदिर, राजराजेश्वरी देवी, कंडोलियाँ, विलकेश्वर महादेव, गंगा मन्दिर, मायादेवी मंदिर, ज्वापलादेवी, त्रिजुकिनारायण, कालीमट्ठ, ओंकारेश्वर, कोटेश्वर महाराज, त्रिंजुकी नरायण, नेनादेवी, गार्जीया देवी, ग्वेलदवता, सोमनाथ, कैंचीधाम, नानकमता मंदिर, देवीधुरा, सूर्य मंदिर (कटारमल), बालेश्वर, रीटासाहेब मंदिर, तारकेश्वर मंदिर, नंदादेवी, कसारदेवी, विनसर महादेव मंदिर, द्वाराहाट, चमुण्डा देवी मंदिर, महाकालिका मंदिर, बागनाथ मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, सल्ट महादेव, मंदिर पाताल भूवनेश्वर, अर्द्धनारेश्वर मंदिर, ताड़केश्वर, चण्डिका मंदिर, घण्टाकर्ण मंदिर, कल्पेश्वर, हाटकालिका मंदिर, लाटुदेवता मंदिर, कैलाश निकेतन, भूमियां मंदिर, वासुदेव मंदिर, सिद्धबली, नीलेश्वर महादेव, गोपीनाथ मंदिर, गायत्री मंदिर, कागड़ा मंदिर, लोकपाल, नरसिहंदेव, कर्ण मंदिर, गौरखनाथ मंदिर, रामेश्वर महादेव, पावन धाम, नारायणबली मंदिर, शांतिकुंज, रमणा शक्तिपीठ, महासू देवता, बुढा केदार, भद्रकाली मंदिर, कोटेश्वर महाराज, राम मंदिर, विश्वेश्वर मंदिर, कुट्टीदेवी, कमलेश्वर मंदिर, भैरव मंदिर, कण्डारा मंदिर….
यदि कोई बड़ा मंदिर इस लिष्ट में नहीं है तो यह संभव है क्योंकि हमारे द्वारा मंदिरों का संकलन दूसरी वेबसाइट और गूगल के माध्यम से प्राप्त हुई हैं, उत्तराखंड में अनगिनित मंदिर हैं जो हजारों में हैं जिनका व्याख्यान करना बहुत ही मुस्किल है। ')}