वैसे तो उत्तराखण्ड में कई बहुमूल्य जंगली फल पाये जाते हैं जिन्हे पर्यटक तथा स्थानीय लोग बड़े चाव से खाते हैं। ये फल पोष्टिक एवं औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। लेकिन उत्तराखंड के जंगलों में पाया जाने वाला एक फल ऐसा भी है अगर आपको भी मिल जाये तो कभी न छोड़ना क्योंकि इस फल के अद्भूत फायदें हैं। चलिए आपको उस फल के बारे में बता देते हैं।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में पाये जाने वाले इस फल का नाम तिमला है। हाल ही के एक रिसर्च में पता चला कि यह फल बड़े काम की चीज है। अभी तक इस फल को प्रमुखता से नहीं लिया जाता था लेकिन अब इस फल के बारे में जो बात सामने आई हैं वो बेहद चौकाने वाली हैं।
दरअसल, इसके भीतर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम के गुण मौजूद हैं। वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) की केमिस्ट्री डिवीजन के शोध में पता चला कि तिमला के तेल में चार ऐसे फैटी एसिड हैं, जिनसे कैंसर समेत अन्य बीमारियों का इलाज संभव है।
केमिस्ट्री डिवीजन के वरिष्ठ विज्ञानी वाईसी त्रिपाठी के मुताबिक वनस्पति विज्ञान में तिमला को ‘फिकस ऑरिकुलाटा’ नाम से जाना जाता है। पारंपरिक रूप से तिमला का नाम औषधीय गुणों के लिए लिया जाता रहा है, लेकिन अब तक यह पता नहीं था कि इस फल में कौन-कौन से तत्व मौजूद हैं। तिमले पर हुए इस रिसर्च ने इसके महत्व को कई गुना बढ़ा दिया है।
इसमें पाये गए ये महत्वपूर्ण एसिड जो कैंसर और दिल की बीमारियों के लिए हैं रामबाण-
- तिमला में फैटी एसिड पाया जाता है, तथा इसमें कैंसररोधी क्षमता वाला वैसीसिनिक एसिड भी पाया जाता है।
- दिल की विभिन्न बीमारियों के इलाज में कारगर लाइनोलेनिक एसिड भी इस फल में पाया गया है। यह दिल की धमनियों के ब्लॉकेज हटाने में सहायक होता है।
- इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला ऑलिक एसिड लो-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन की मात्रा शरीर में कम करता है, इस प्रोटीन से कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ता है।