अधिकतर लोग हमारे उत्तराखंड में इसी बात से परेसान रहते हैं कि जब भी वो लम्बा सफ़र करते हैं तो उन्हें उल्टी हो जाती है। अकसर आपने भी देखा होगा कि कुछ लोगों को तो सिर्फ एक किलोमीटर चलने पर ही उल्टी होनी शुरू हो जाती है। हर कोई जानता है कि पहाड़ों पे उल्टी क्यों होती है इसका एक बड़ा कारण होता है घूम होना यानी बोले तो नशा हो जाना लेकिन ये कैसे होता है आपको हम इसका मूल कारण बता रहे हैं साथ ही हम आपको बताएँगे कि क्या करना चाहिए कि सफ़र के दौरान उल्टी ना हो।
जब आप पहाड़ों की सफ़र पर निकलते हैं तो घुमावदार बैंड और प्रदूषण आपके शरीर में मोशन सिकनेस पैदा हो जाता है। मोशन सिकनेस कोई बिमारी नहीं है ये समस्या तब पैदा होती है जब सफ़र के दौरान हमारे दिमाग को भीतरी कान, आँख और त्वचा से अलग अलग सिगनल मिलते हैं। जिससे हमारे शारीर सेंटर नर्वस सिस्टम दुविधा में पड़ जाता है और इस परिस्थिति में सर चक्कर काटने लग जाता है।
अगर आपको एक सरल अंदाज में बताएं तो आमतौर पर हमारा दिमाग हमारी आँखों, त्वचा (skin) और कान के अंदरूनी भाग से जानकारी लेता है और इस जानकारी के आधार पर हमारा दिमाग हमारे शरीर के चलने की दिशा को जान पाता है। गाडी के चलने से जब हमारे दिमाग (Brain) को कान, त्वचा (skin) और आंख से अलग-अलग सिग्नल (signals) मिलते हैं तो यह हमारे दिमाग के एक हिस्से सेंट्रल नर्वस सिस्टम (central nervous system) को confusion में डाल देता है जिसकी वजह से घबराहट या उल्टियाँ आने का मन करता है और जी मिचालने लगता है। अब आपको उल्टी आने का अन्द्रोनी कारण पता ही चल गया होगा चलो आपको अब बता देते हैं कि पहाड़ों पर बस या कार में उल्टी ना हो उसके लिए क्या करें-
जी हां वेसे तो पहाड़ में बिलकुल कम सफ़र करने वालों के लिए तो कुछ भी उपाय काम नहीं आता लेकिन कुछ लोग जो सफ़र करते रहते हैं उनके लिए निश्चित तौर से ये उपाय अपनाने चाहिए-
पीछे की सीट पे ना करें सफ़र- अगर आपको कार या बस में सफर के दौरान उल्टियाँ आती है, चक्कर आते है या घबराहट होती है तो कभी भी पीछे की सिट पर कभी न बैठे। मोशन सिकनेस सबसे जादा पिछली सीट पर ही आते हैं इसलिए कोशिश करें की आगे की और बैठे।
सामने की और देखें- सफ़र के दौरान पीछे की और देखना और खिड़की से जादा बहार देखने के कारण भी उल्टी होती है इसलिए जितना हो सकता है सामने की और देखें इससे आपका दिमाग संतुलित रहेगा।
फ़ोन पर देखने और पढ़ने लिखने से बचें- सफ़र के दौरान पढ़ने लिखने और मोबाइल पर देखने से बचें इसके अलावा यदि सोने की कोशिश कर सकते हो तो सो जाएँ।
खाली पेट सफ़र ना करें- खाली पेट सफ़र करने से उल्टी तो होती है साथ ही तला हुआ खाना भी उल्टी का कारण बन सकता है।
खुली हवा- बस या कार में आपको खुली हवा की आवस्यकता होती है इसलिए खिड़की से बाहर हवा लेने से अच्छा अहसास होगा यदि खिड़की से शर्द हवा प्रवेश कर रही है तो पूरी तरह सर बाहर ना निकले इससे तबियत और भी खराब हो सकती है।
खाने में इन चीजों का करें सेवन- नीबू पानी, कोका ड्रिंक, अदरक, पुदीना और केंडी का सेवन करने से उल्टियाँ नहीं होंगी।
कुछ लोगों का दिमाग का काम करने का तरीका अलग होता है लेकिन कभी कभी ये अपने हाथ में भी होता है आप चाहे तो उल्टी होने से बचे रह सकते हैं । ')}