अगस्त्यमुनि ब्लॉक का दूरस्थ प्राथमिक विद्यालय कोट तल्ला पढाई लिखाई के साथ पर्यावरण संरक्षण की भी अलख जगाए हुए हैं। पिछले एक दशक से भी अधिक समय से यहां तैनात शिक्षक सत्येंद्र भंडारी ने जहां स्कूल की शिक्षण व्यवस्था को सुधारने में अहम भूमिका निभाई है वही वह बच्चों को पर्यावरण का पाठ भी पढ़ा रहे हैं
पढ़ाई-लिखाई के साथ हरियाली को बढ़ावा देने के लिए स्कूल की यहां के छात्र-छात्राएं कार्य कर रहे हैं। जो इन दिनों आकर्षण का केंद्र बनी है। इस कार्य में यहां के शिक्षक सत्येंद्र भंडारी की भूमिका अहम है, जिसे अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने भी सराहा है।
उन्होंने पहली से 5वीं तक के सभी छात्र-छात्राओं में पर्यावरण संरक्षण की सोच कूट-कूट कर भर दी है। यहीं कारण है कि वर्ष 2015-16 में शिक्षक की नर्सरी की सोच को इन बच्चों ने साकार कर दिखाया। आज स्कूल की दो नाली भूमि पर बांज, संतरा, नींबू, पदम, रीठा, हेडा, बहेड़ा, मोरपंखी, अमरूद सहित विभिन्न प्रजातियों के 4 हजार से अधिक पौधों की नर्सरी तैयार है।
कोट तल्ला प्राइमरी स्कूल में रोपे गए पौधों को छात्र-छात्राओं का नाम दिया जाता है। बीते दो वर्ष से यहां जुलाई में वृहद पौधारोपण होता आ रहा है, जिसमें सभी बच्चे प्रतिभाग करते हैं। जो छात्र या छात्रा जिस पौधे को लगाती है उसी के नाम से पौधे को जाना जाता है। देखरेख व सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उसी की होती है। जिस छात्र-छात्रा का पौधा सबसे अच्छा फलफूल रहा होता है उसे पुरस्कृत भी किया जाता है पर्यावरण की सुरक्षा की और ये नयी पहल सबको भा रही है. ')}