उत्तराखंड के सुदूर गढ़वाल क्षेत्र में क्रिकेट खेलने का इतिहास सालों पुराना है लेकिन व्यस्थाओं के विपरीत यहाँ पर क्रिकेट के लिए अनुकूल परिस्थियाँ बनाना बहुत मुस्किल होता है क्योंकि खेलने लायक सपाट जमीन नहीं होती है और ना ही बाज़ार से बने बैट, बोल, पेड और हेडमेट मिल पातें हैं ऐसे में यहाँ पर अपने हाथ से घर में बने बेट इस्तेमाल किये जाते थे.
हालांकि आज के समय पर बाज़ार के बैट इस्तेमाल किये जाते हैं खुले मैदान के अभाव में क्रिकेट खेतों में होता है और सीड़ीदार खेतों में क्रिकेट के नियमों को भी उस समय के लिए मैदान के हिसाब से बदल दिया जाता है उदहारण के तौर पर 2 खेत नीचे डायरेक्ट जाने पर आउट माना जायेगा क्योंकि 2 खेत के नीचे जाने पर बोल खो जाने का खतरा रहता था इसलिए उस मैदान के लिए ये नियम मान्य किया जाता है.
जैसे तैसे खेलने की जगह को अंतरास्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनाया जाता था क्रिकेट आज के समय में अच्छे खुले मैदानों में खेला जाने लगा है लेकिन कुछ क्रिकेट प्रेमियों के द्वारा आज के समय में भी मौका मिलता है तो खेत में क्रिकेट खेलने का आनंद लिया जाता है कुछ लोग रोजगार की खोज में पलायन की वजह से इस क्रिकेट को सिर्फ विडियो देखकर उस पल को याद करते हैं.
गढ़वाल के खेतों में खेली गयी एक मनोरंजक विडियो आपको दिखा रहे हैं जिस देख आपकी क्रिकेट से जुडी पुराणी यादें ताजा हो जाएँगी आपको बता दें कि ये विडियो आपको इसलिए दिखा रहे हैं कि इस विडियो को youtube पर 17 लाख से जादा हिट्स मिल चुके हैं और विडियो पर देश विदेश से दिल खुश करनी वाली पर्तिक्रियाएं मिली हैं आप भी देखिये और कभी फिर से ऐसा समय अपने जीवन में जरूर लायें जब आप इस क्रिकेट को लाइव देख रहे हों.
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