उत्तराखंड शेफ ने दुनिया में उत्तराखंड को एक नई पहचान दिलाई है। देवभूमि यानि कि उत्तराखंड को प्राकृतिक सौंदर्य का गढ़ कहा जाता है। यह राज्य जितना खूबसूरत और शांत दूर से दिखता है, उतनी ही शालीन और रमणीक यहां की संस्कृति भी है। उत्तराखंड की खासियत इसका आज भी जमीनी स्तर (down to earth) से जुड़ा रहना है।
यहां ना ही शहरों की तरह दिखावा है और ना ही शहरों की तरह लोगों की घिनौनी मानसिकता। यहां के लोग कठिन परिश्रमी होते हैं। यहां उत्तराखंड ने दुनिया को लाखों सेफ (chef) दिए जो दुनिया में आज अपना लोहा मना रहे हैं।
उत्तराखंड न सिर्फ देवों की जन्मभूमि है बल्कि यह तो वीरों की भुमि भी है और आज के दौर की सेफों की जन्मभूमि भी हो गयी है। आज चारों और उनका जलवा है वो कोई 5 स्टार होटल हो या 3 सितारा जहां जहां होटल चमके वहां उत्तराखंड के लाल का हाथ जरूर होगा।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले ब्रिक्स सम्मेलन में चीन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टिहरी गढ़वाल के द्वारी गांव के सुरेश बेलवाल की बनायी चीनी खीर के मुरीद हो गए थे। टिहरी गढ़वाल के द्वारी गांव के सुरेश पिछले तीन साल से चीन के छेंग्दू शहर के एक रेस्तरां ‘तंदूरी’ में कुक हैं। सुरेश कहते हैं खीर खाकर मोदी ने उन्हें लाजवाब कहा।
वहीं उस से भी पहले प्रधानमंत्री मोदी इजरायल दौरे पर भी गए थे वहां पर उनके खाने के जिम्मेदार उत्तराखंड के धर्मेन्द्र ने निभाई थी। धर्मेंद्र उत्तराखंड के टिहरी जिले के बुढ़ाकेदार के रहने वाले हैं। करीब पांच सालों से वो इजराइल में रह रहे हैं, और यहां के एक होटल में शेफ हैं।
पीएम मोदी ने वहां खाने की तारीफ की और शेफ को बातचीत के लिए बुलाया बातचीत के दौरान पीएम ने धमेंद्र से जब पूछा कि कहां से हो, तो धर्मेंद्र ने कहा कि वो उत्तराखंड से हैं। इस पर पीएम ने उत्तराखंड की जमकर तारीफ की। पीएम ने प्रदेश की तारीफ करते हुए कहा कि देवभूमि के लोग लोग बहुत अच्छे हैं। उन्होनें कहा कि आप बेहद अच्छा काम कर रहे हैं।
आपको बता दें कि भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली भी उत्तराखंड के शेफ द्वारा बनाये कबाब पसंद करते हैं। आपको जानकर खुशी होगी कि इण्डियन क्रिकेट टीम जब भी देश के बाहर या अन्दर देश के लिऐ खेल रहे होतें हैं तो वो गढ़वाली सेफ स्पेशल कबाब खाना नही भुलते।
चलों अब ये भी जान लेते हैं कि आखिर उत्तराखंड के शेफ क्यों हैं इतने फेमस, और क्यों उत्तराखंड का नाम लेते ही किचन में मिल जाती है सीधी इंट्री, क्यों हैं उनके हाथ में इतनी सफाई? और क्यों छाया है पूरी दुनिया पर उनका जादू जानिए ये ख़ास 10 बातें-
कठिन परिश्रमि – उत्तराखंड से दूर दूर देश परदेश जाकर रोजी रोटी कमाने निकला युवा आज के दौर की जरूरत को समझता है ओर कदम मिलाकर आगे बढ़ना चाहता है इस चाह ने उन्हे मेहनती बनाया वेसे तो उत्तराखंडी बचपन से ही परिश्रमी होते हैं, हल लगाना, कुल्हाड़ी चलाना, पहाड़ चढ़ना, नदी मे तैरना यहां तक कि घर के काम मे हाथ बढाना इनके जीवन की दिनचर्या रहती है। कठिन परिस्थियों से गुजरा हुआ व्यक्ति किसी भी कठनाई का स्वागत करता है ओर उसे पार करता है।
हाथ में है टेस्ट – खाना तो कोई भी बना लेता है लेकिन उसे टेस्ट देना बहुत कम जानते लेकिन उत्तराखंड मे ये जादू हर किसी के हाथ में है। उत्तराखंड के सेफ अगर कबाब बनाऐ तो वो मजेदार है तंदूर पर रोटी लगाए तो वो भी टेस्टी होती है, ये बात तो आप तब मानोगे जब आपको पता लगता है कि दुनिया प्रमुख 5 स्टार होटल मै तदूंर का उस्ताद तो उत्तराखंडी ही होता है।
विदेशी धरती पर जलवा – उत्तराखंड के लांखो लोग आज विदेशों में अपना जलवा दिखा रहे हैं। ओर वहां के करोडों लोग उनके खाने के दिवाने हैं। दुबई से लेकर अमेरिका तक छा जाने वाले सेफ भारत के खाने को दुनिया मै फेमश कर रहे ओर आज तो एसा मंजर है कि दुनिया ने भारतीय खाने को सबसे अच्छा ओर सुरक्षित बताया है।
दोस्ताना व्वयहार – अपनी सहयोगी को परमोट करना उनकी मदद करना ओर दोस्ताना व्यवहार उत्तराखंडी सेफ को महान बनात है। वो अपने जानकारी को छोटे बडे सभी को बांटते है। तन्दूर इण्डिन कोउंटीनेटल चाईनीज सभी डिपार्टमेंट मे यहां के सेफ अब्बल होते हैं। आज वो अपने व्यवहार की वजह से भी काफी पसन्द किए जाते हैं।
Authentic फलेवर और सीक्रेट मसाले- अपना जलवा हर कोई अपने तरीके से दिखाना चाहता है आधुनिक तकनिकी के साथ अपने कुछ अलग तरह के फ्लेवर इजात करने के लिए वो अपने तेज दिमाग का इस्तेमाल करते हैं और वो हमेशा अपने सीक्रेट मसाले भी अपने पास रखते हैं।
हर जगह हो जाते हैं सेट- उत्तराखंड के लोग हर किसी के दिलों में उतर सकते हैं। उनके पास बड़े दिल भी हैं वे किसी भी सेटिंग और किसी भी जगह के अनुकूल हो सकते हैं और इसलिए दुनिया में कहीं भी जा सकते हैं और उत्तराखंड के उत्कृष्टता का झंडा वो आज सारी दुनिया में गाड चुके हैं। उत्तराखंड शेफ दुबई, संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया भर में पांच सितारे और सात सितारों में शेफ हैं।
कला सिखने का गुर – उत्तराखंड से हर व्यक्ति एक विनम्र और समर्पित आत्मा है। ईमानदारी और भक्ति उन्हें कला सीखने का गुरु बनाती है। वो ये गुर ओरों को सिखाने में भी आगे रहते हैं।
कैरियर बना होटल मेनेजमेंट – होटल लाइन में बढ़ती कामयाबी को देखते हुए जादातर युवाओं ने होटल मैनजमेंट पास कर इसी को अपना कैरियर चुना और वो जरूरी भी हो गया था क्योंकि उत्तराखंड में नौकरी की संभावनाएं करीब ना के बराबर ही थी। हर किसी को अपना टारगेट बड़े शहरों को करना पड़ा।
यांदो में उत्तराखंड – उत्तराखंड में बचपन बीता ओर जवानी होटल में बस जीने का सहारा यादें रह जाती हैं। सभी लोग अधिकतर उत्तराखंड की यादों से जुडे रहते हैं यहां तक उत्तराखंड की डिश होटल मे बनाकर अपनी यादों को ताजा रखते हैं। सभी लोग उत्तराखंड की संस्कृति का बढ़चढ़ कर प्रचार भी करते हैं।
दुनिया को चखाया उत्तराखंड का जायका – लोग अपने खाने के साथ अपनी उत्तराखंड की संस्कृति ओर प्रकृति का दुनिया मे प्रचार करतें हें। इसमे कोई दोहराइ नहीं कि आज विश्व मंच पर उत्तराखंड का नाम है। उत्तराखंड को उत्तराखंड के भोजन के मध्यम से भी देश दुनिया में आज पहचान मिल रही है। 5 स्टार होटलों में भी उत्तराखंडी फ़ूड फेस्टिवल होते हैं। आज जख्या, कोदू, जन्गोरू जैसे पोस्टिक आहारों को एक नयी पहचान भी मिल चुकी है।
जय उत्तराखंड। आप इस लेख पर नीचे कमिन्ट लिख सकते हैं आप अपनी बात भी शेयर कर सकते हैं ।
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