उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के भीरी गॉव की रंजना रावत की मेहनत रंग लानी लगी है उनके द्वारा कुछ समय पहले बोई गई अमेरिकन सेफ्रोंन जिसकी बाजार में कीमत 1 लाख रूपये पर किलो के हिसाब से है की खेती फल फूल रही है अमेरिकन सैफ्राॅन का 50 ग्राम बीज एक बीघा जमीन पर रोपा जाता है। एक बीज चालीस रुपए का मिलता है। इसकी अक्टूबर में लगाई गयी फसल पांच से छह महीने में तैयार हो जाती है अंजना से अपनी फेसबुक वाल पर ये ख़ुशी जाहिर की हैं आपको बता दें की अंजना शहर में अच्छी नोकरी छोड़ गॉंव में ग्रामीण स्वरोजगार मिशन के तहत न सिर्फ खुद बल्कि कई बेरोजगार लोगों को उन्नत खेती के गुर सिखा रही है उन्होंने मशरूम और सब्जियों की मनचाहा उत्पादन कर उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन की उम्मीदों और स्वरोजगार की नई नीति को पंख लगा दिए हैं
उनके द्वारा स्टोबेर्री की खेती का नया और नायाब तरीका भी बेमिसाल हैं वेसे तो स्टोबेर्री की खेती पारम्परिक तरीके से जमीन पर ही होती है लेकिन उनके द्वारा गॉंव में इसे पाइप और बोतलों के जरिये हवा में टांग के किया जा रहा है जिस से स्टोबेर्री पे लगनी वाली मिटटी से बचा जा सकता है और एक उन्नत किस्म की स्टोबेर्री तैयार की जा रही है आपको बता दें की स्टोबेर्री बाज़ार में बहुत महंगी मिलती हैं जिसका उत्त्पादन कर युवा अच्चा पैसा कमा सकता है.
इसके अलावा फरासबीन, टमाटर, लहसुन, प्याज, इलायची, सहित अन्य साग-सब्जी व मिटटी में ख़राब होने वाली फल फूलों का खाली प्लास्टिक की बोतलों पर अनोखा प्रयोग, फूलों की क्यारियां, मशरूम उत्पादन, तथा उन्नत किस्म का पशुचारा जैसे कई उत्पादनों में कार्य कर रही हैं वो आज के युवाओं के लिए प्रेरणा दायक बन रही रही रंजना अलग अलग जगह लोगो को प्रशिक्षित कर रही हैं दूर दूर से लोग उनके पास जानकारी लेने हेतु पहुँचते हैं ये काम करना इतना आसान भी नहीं है लेकिन कहते हैं अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो और मेहनत और लगन से काम किया जाए तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है ऐसे ही कर दिखाया है पहाड़ की होनहार और मेहनती बेटी रंजना ने आज वो सबके के लिए एक मिसाल हैं उनके इस प्रयासों से उन्हें कई सम्मानों से पुरुस्कित किया जा चूका है.
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